1.महर्षि मेही जी की जीवनी
2.संसार वहम है धयान करते रहो
3.ध्यान के अनुभव को लगातार याद करते रहो(मानस धयान)
4.बुद्धत्व प्राप्त करके लौटने के बाद बुद्ध और यशोधरा के बीच संवाद
5.बौद्ध भिक्षु नागसेन और मिलिंद के बीच संवाद
6.याकलव्य जब घर छोड़कर जाता है
7. मैं संतो का पुजारी हूँ ( महर्षि मेंही परमहंस )
8. मन की वृतियों को समेटो ( महर्षि मेही परमहंस )
2.संसार वहम है धयान करते रहो
3.ध्यान के अनुभव को लगातार याद करते रहो(मानस धयान)
4.बुद्धत्व प्राप्त करके लौटने के बाद बुद्ध और यशोधरा के बीच संवाद
5.बौद्ध भिक्षु नागसेन और मिलिंद के बीच संवाद
6.याकलव्य जब घर छोड़कर जाता है
7. मैं संतो का पुजारी हूँ ( महर्षि मेंही परमहंस )
8. मन की वृतियों को समेटो ( महर्षि मेही परमहंस )
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